स्टोरीज एंड अ सर्वे (चित्रकथा)

यह चित्रकथा UDAYA अध्ययन के लिए सर्वेक्षण करते समय शोधकर्ताओं के अनुभवों का विशद वर्णन करती है। इसमें ऐसे रोचक अध्याय हैं, जो उन्हें मिले लोगों की कहानियों से प्रेरित हैं। इन अध्यायों में अलग-अलग दृश्य शैलियों का संयोजन है, जो कहानी के मूड पर आधारित है और UDAYA के डेटा को कथात्मक रूप से बुनते चलता है। शोधकर्ताओं ने किशोरों के जीवन पर सार्वजनिक आँकड़े एकत्र करते समय स्वयं क्या सीखा, यह जानने के लिए पढ़ें। 

मंजु की कहानी

Stories of A Survey में शोधकर्ता प्रीति चौथे डिजिटल वृतांत में मंजु की कहानी सुनाती है। क्या किशोरावस्था में दिल टूटने की आम घटना का एक लड़की के जीवन में इतना गहरा प्रभाव हो सकता है, क्योंकि वह अपने दर्द किसी को कह नहीं सकती, न किसी मित्र से बात करने के लिए फोन कर सकती है और शादी का इतना ज्यादा दबाव होता है? UDAYA (उदय) के अध्ययन में युवतियों में अकेलापन और अवसाद को बढ़ावा देने वाले कौन-कौन से कारक मिले हैं। यह चित्रकथा हमें एक युवती की ऐसी ही कहानी के जरिए दिखायी जाती है, जिसमें दिखाया गया है कि सीमित डिजिटल पहुँच के चलते अलग-थलग एक लड़की, उसके प्रेम संबंध और माता-पिता द्वारा तय किए गए विवाह तथा उसका मानसिक स्वास्थ्य सब इन परिस्थितियों में एक दूसरे से किस तरह जुड़े हुए हैं। 

चिंटू की कहानी

Stories of A Survey के तीसरे डिजिटल वृतांत में शोधकर्ता भास्कर चिंटू की कहानी सुनाता है। इसमें एक युवा लड़का कहाँ स्वप्नदोष के बारे में जानता है और गर्लफ्रेंड बनाता है? आश्चर्यजनक रूप से – एक कोचिंग सेंटर में! चिंटू की कहानी में उसे यौन शिक्षा का कुछ ज्ञान है, लेकिन कई प्रश्न हैं; सामाजिक रुझान बदलने में इंटरनेट, शिक्षा, सड़क और साइकिल की भूमिका को इस कहानी में हास्यपूर्ण तरीके से दिखाया गया है। यहाँ तक कि लैंगिक भूमिकाएँ धीरे-धीरे बदलती हैं, रुझान में बदलाव कितने गहरे हैं? विकास से मदद मिलती है, लेकिन जब लिंग और जाति की बात आती है तो क्या इतना पर्याप्त है? 

मोहन की कहानी

यह Stories of A Survey (सर्वेक्षण से प्राप्त कहानियाँ) का दूसरा डिजिटल वृतांत है, जो शोधकर्ता – रवि के द्वारा मोहन नाम के व्यक्ति के बारे में सुनाया जा रहा है। इसमें बताया गया है कि किस कारण से पढ़ने-लिखने में रुचि रखने वाले एक 11 वर्ष के लड़के को वयस्क होने के पहले पढ़ाई छोड़नी पड़ी? मोहन की अपनी परिस्थितियों और एक असंगठित क्षेत्र में काम करने के कारण स्कूल छोड़ने की कहानी ऐसे कितने ही किशोरों के जीवन की कहानी को बयान करती है, जिन्हें आर्थिक विवशताओं के कारण स्कूल छोड़ना पड़ता है। उदय (UDAYA) के निष्कर्षों के साथ यह चित्रकथा किशोरावस्था में अवसाद, अकेलापन और बेचैनी से जूझ रहे युवाओं तथा उनकी आर्थिक वास्तविकताओं से अवगत कराती है और शोधकर्ताओं की भेद्यता का स्पर्श कराती है, क्योंकि वे इन दुरूह वास्तविकतों से दो-चार होते हैं। 

चंदू की कहानी

Stories of A Survey की पहली डिजिटल कहानी है चंदू की कहानी, जिसे शोधकर्ता प्रमोद ने सुनाया है। UDAYA के सर्वेक्षण में शामिल किशोर कभी कभी शोधकर्ताओं से मिलने के लिए इतने जिज्ञासु और उत्सुक क्यों होते हैं? क्या इसमें उनके जीवन में जानकारियों के अभाव वाला घटक संबद्ध है, खासकर यौन विषयों पर चुप्पी और कानाफूसी वाली वजह? चंदू की कहानी युवा लोगों के प्रश्नों और उत्तर कहाँ खोजें, यह न समझ पाने की उलझन को दर्शाती है। बहुत से लोगों की कम उम्र में, उनकी मर्जी पूछे बिना ही और बिना किसी पारिवारिक जीवन की जानकारी दिए ही शादी हो जाती है। UDAYA के अध्ययन के अनुसार, यूपी में वेव 1 के दौरान केवल 9.7% लड़कों को परिवार बसाने संबंधी कोई शिक्षा मिली हुई थी, जो बाद में बढ़कर वेव 2 के दौरान 16% हो गई थी। इस प्रकार, चित्रकथा चंदू के सफर के साथ आगे बढ़ता है, जिसे UDAYA के एक शोधकर्ता से गर्भनिरोधकों और यौन प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में जानने का मौका मिलता है।