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आकांक्षा यादव

सपनों का हक की तीसरी पत्रिका राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी आकांक्षा यादव के विषय में है, जिन्होंने 11 राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। छतरपुर के एक छोटे से शहर की रहने वाली मात्र सात साल की उस लड़की ने अपने शहर के स्टेडियम में लड़कों को बेसबॉल खेलते देखा तो वह उस खेल की ओर आकर्षित हुई। अपनी छोटी परिधि में खेल के लिए हतोत्साहित किए जाने के बावजूद, उन्होंने अपनी रुचि बनाए रखी और अपने स्कूल में एक टीम बनाया। उसके बाद उनकी टीम राष्ट्रीय स्तर तक खेली। आज वह इस खेल में रुचि रखने वाली दूसरी लड़कियों को प्रशिक्षण देती और लैंगिक भेदभाव की मौजूदा जड़ताओं को तोड़ती हैं।