
मोहन की कहानी
यह Stories of A Survey (सर्वेक्षण से प्राप्त कहानियाँ) का दूसरा डिजिटल वृतांत है, जो शोधकर्ता – रवि के द्वारा मोहन नाम के व्यक्ति के बारे में सुनाया जा रहा है। इसमें बताया गया है कि किस कारण से पढ़ने-लिखने में रुचि रखने वाले एक 11 वर्ष के लड़के को वयस्क होने के पहले पढ़ाई छोड़नी पड़ी? मोहन की अपनी परिस्थितियों और एक असंगठित क्षेत्र में काम करने के कारण स्कूल छोड़ने की कहानी ऐसे कितने ही किशोरों के जीवन की कहानी को बयान करती है, जिन्हें आर्थिक विवशताओं के कारण स्कूल छोड़ना पड़ता है। उदय (UDAYA) के निष्कर्षों के साथ यह चित्रकथा किशोरावस्था में अवसाद, अकेलापन और बेचैनी से जूझ रहे युवाओं तथा उनकी आर्थिक वास्तविकताओं से अवगत कराती है और शोधकर्ताओं की भेद्यता का स्पर्श कराती है, क्योंकि वे इन दुरूह वास्तविकतों से दो-चार होते हैं।