परामर्शदाता: बिंदु सिंह
डेटा थीम: अनुदान, स्वास्थ्य और पोषण
उद्देश्य: जिले के एडॉलेसेंट फ्रेंडली हेल्थ क्लीनिक्स (AFHCs) में सेवा प्रदायगी और गुणवत्ता में सुधार लाना और किशोरियों में मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता के विषय पर काउंसलिंग तथा जानकारियों के प्रसार में सुधार लाना।
मुख्य परिणाम: इस रणनीतिक अंतःक्षेप ने समुदाय के किशोरों के समूहों के साथ कई मीटिंग और कार्यशालाएँ आयोजित की, जिसमें किशोरों का नियमित और गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदायगी की माँग लेकर AFHCs पर जाना भी शामिल था।
इस अंतःक्षेप ने चंदौली के दो प्रखंडों के 20 गाँवों की किशोरियों के साथ काम किया, ताकि VHNDs की निगरानी की जा सके और संकलित रिपोर्ट को पत्र के रूप में भेजा गया, जिसमें AFHCs और VHNDs में बेहतर सेवा प्रदायगी की माँग की गई। यह पत्र जिला स्तर के अधिकारियों, जैसे मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, RKSK नोडल अधिकारी तथा डिस्ट्रिक्ट हेल्थ सोसायटी की बैठकों में भेजा गया। जिलाधिकारी ने सेवाओं में सुधार का मौखिक आश्वासन दिया। AFHCs में काउंसलिंग के लिए एक छोटा सा कमरा आवंटित किया गया और एक स्थानीय एनजीओ से अनुरोध किया गया कि वे साप्ताहिक आधार पर स्वैच्छिक महिला परामर्शदाता की सेवा देकर सहयोग करें।
इस अंतःक्षेप ने स्थानीय पंचायत चुनाव के विजेताओं को भी किशोरों के स्वास्थ्य से जुड़े अपने वादों को पूरा करने के लिए तथा एक कार्ययोजना तैयार करने के लिए प्रेरित किया। पंचायत स्थानीय विद्यालय में एक इंसिनेरेटर लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।
परामर्शदाता ने मीडिया के साथ बैठकें आयोजित की, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय मीडिया में UDAYA अध्ययन के बारे में जानकारी देने वाली कई मीडिया रिपोर्ट प्रकाशित हो रही हैं।
प्रक्रिया: किशोरों के समूहों और व्यापक जन-समुदाय के साथ आयोजित कई बैठकों और ईवेंट में मिली जानकारी और बाद में AFHCs जाने से पता चला कि वहाँ कोई महिला परामर्शदाता नहीं है और काउंसलिंग के लिए कोई कमरा भी आवंटित नहीं है।
इसके साथ ही, चंदौली के दो प्रखंडों के 20 गाँवों की किशोरियों ने ग्रामीण स्वास्थ्य और पोषण दिवसों (VHNDs) की सेवा प्रदायगी की स्थिति पर डेटा एकत्र किया, जिसमें मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया था। इस सामुदायिक निगरानी कार्य से पता चला कि वहाँ टीकाकरण, आयरन फॉलिक एसिड टैबलेट या सैनिटरी नैपकिन के वितरण के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं थे। उन्होंने प्राप्त जानकारियों पर एक रिपोर्ट तैयार की।
हाल के पंचायतों के चुनाव के पहले, विभिन्न उम्मीदवारों ने किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम हेतु बेहतर सेवा प्रदायगी को लेकर कई वादे किए थे। चुनावों के बाद, अंतःक्षेप ने विजेता उम्मीदवारों के साथ बैठकें आयोजित की। पंचायत सदस्यों ने सेवा प्रदायगी में सहयोग हेतु अपनी भूमिका को जाना और स्थानीय स्कूल में इन्सिनेरेटर लगाने के लिए प्रतिबद्धता दर्शायी।
UDAYA डेटा, RKSK दिशानिर्देशों और सामुदायिक रिपोर्ट की प्रतियाँ भी डिस्ट्रिक्ट हेल्थ सोसायटी, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, जिलाधिकारी और मीडिया को भेजी गई। किशोर भी AFHCs पर जानकारी लेकर नियमित रूप से जाने लगे, जिसे वे कार्यक्रम के सेवा प्रदायगी में लगे फ्रंटलाइन वर्कर को दे सकें। वर्तमान में, पत्रों को सरकारी विभागों के विभिन्न स्तरों पर स्वीकार कर लिया गया है और जिलाधिकारी ने मौखिक रूप से वादा किया है कि वे बेहतर सेवा प्रदायगी सुनिश्चित करेंगे। AFHCs में काउंसलिंग के लिए छोटा सा कमरा भी आवंटित कर दिया गया है और साप्ताहिक आधार पर एक स्वैच्छिक महिला परामर्शदाता की उपलब्धता हेतु एक स्थानीय एनजीओ से अनुरोध किया गया है। मीडिया के विभिन्न धड़ों ने भी काफी रुचि लिया और स्थानीय समाचारपत्रों में कई रिपोर्ट प्रकाशित हुए, जिसमें जिले में AFHCs की स्थिति, राज्य और जिला स्तर पर मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता की स्थिति, कार्यक्रम के कार्यान्वयन में कमियों तथा UDAYA के डेटा से प्राप्त महत्वपूर्ण जानकारियों को दर्शाया गया।