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लखनऊ, उत्तर प्रदेश 

परामर्शदाता: रजनी और श्रद्धा  

डेटा थीम: अनुदान, स्वास्थ्य और पोषण

उद्देश्य: राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (RKSK) के कवरेज को बेहतर बनाना और किशोरों के लिए ग्रामीण स्वास्थ्य और पोषण दिवसों (VHND) तथा एडॉलेसेंट फ्रेंडली हेल्थ क्लीनिक्स (AFHCs) पर आवश्यक सेवाओं तथा वस्तुओं के लिए पहुँच सुनिश्चित करना। 

मुख्य परिणाम: इस रणनीतिक अंतःक्षेप ने समुदाय, विशेषकर स्थानीय किशोरों के साथ कई बैठकें और कार्यशालाएँ आयोजित की और UDAYA सर्वेक्षण से प्राप्त जानकारियाँ और तथ्यपत्रक साझा किए, जिसकी पहुँच 100 से ज्यादा किशोरों तक थी। इसमें उन्हें साप्ताहिक आयरन फॉलिक एसिड अनुपूरक (WIFS) तथा आयरन फॉलिक एसिड टैबलेट के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की गई।

इस अंतःक्षेप ने एडॉलेसेंट फ्रेंडली हेल्थ क्लीनिक्स (AFHCs) पर किशोरों को जाने के लिए प्रेरित किया; 10-15 किशोरों के दलों में वे तीन बार AFHCs गए, जिससे कि सेवाओं की गुणवत्ता को समझ सकें। to understand the quality of services. VHNDs और AFHCs पर बेहतर सेवा प्रदायगी की माँग के लिए एक पत्र लिखा गया, जिस पर 400 से अधिक किशोरों तथा समुदाय के सदस्यों ने हस्ताक्षर किया और उस पत्र को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा RKSK नोडल अधिकारी ने स्वीकार किया। 

इस अंतःक्षेप ने स्थानीय अधिकारियों को पाँच किशोर स्वास्थ्य दिवस आयोजित करने के लिए प्रेरित किया, जहाँ लगभग 200 किशोरों को राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (RKSK) के अनुसार जानकारी और अनुदान दिए गए।  

परामर्शदाता ने मीडिया के साथ मीटिंग का आयोजन किया, जिसके कारण स्थानीय स्तर पर UDAYA अध्ययन संबंधी जानकारी कम से कम पाँच मीडिया रिपोर्ट प्रकाशित हुई। 

प्रक्रिया: किशोरों के समूहों और व्यापक जनसमुदाय के साथ आयोजित बैठकों में RKSK कार्यक्रम के स्थानीय स्तर पर कार्यान्वयन के बारे में जानकारी दी गई और उसके बाद चर्चा की गई, जिसका ग्राम्य स्तर पर RKSK कार्यान्वयन की स्थिति तथा AFHCs पर सेवा प्रदायगी की उपलब्धता तथा उनकी स्थिति पर निगरानी करने पर पता चला।  

सामुदायिक निगरानी कार्य में किशोरियों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र तथा आँगनवाड़ी जाना शामिल है। इस कार्य से पता चला कि जबकि किशोरों को एएनएम और आशा कर्मियों जैसे फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों (FLWs) के बारे में पता था, बहुतों को अपने इलाके में इनमें से किसी से कभी मुलाकात नहीं हुई थी। अभी लड़कियाँ FLWs से नियमित संपर्क में रहती हैं और नियमित रूप से टीका, कैल्शियम की गोलियाँ और रक्ताल्पता जाँचों का लाभ प्राप्त कर रही हैं।   

लड़कियाँ AHFCs भी गईं। अभी दो लखनऊ में बलरामपुर हॉस्पिटल और क्वीन्स मैरीज मेडिकल कॉलेज में मौजूद हैं। किसी भी AFHC में परामर्शदाता उपलब्ध नहीं थे। ये क्लीनिक लड़कियों के निवास स्थान से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर हैं और आसानी से या सहजता से यहाँ पहुँचना किशोरियों के लिए कठिन था। AFHCs के कर्मचारी मददगार, सहायता के लिए इच्छुक थे और उन्होंने लड़कियों के साथ कई बैठकों में भाग लिया। कर्मचारियों की कमी तथा विभिन्न जिम्मेदारियों के बावजूद, AFHC कर्मचारी ने अब एक महिला परामर्शदाता की व्यवस्था कर ली है, जो अब समुदाय के किशोर किशोरियों से मिलती हैं। 

व्यापक जनसमुदाय में कई सामुदायिक ईवेंट भी RKSK कार्यक्रम के कार्यान्वयन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए चलाए गए थे। इन ईवेंट में मनोरंजक गतिविधियाँ, जैसे नुक्कड़ नाटक, नारा लेखन प्रतियोगिताएँ और अन्य प्रतियोगिताएँ शामिल थीं। RKSK, VHNDs और AFHCs की सेवा प्रदायगी को मजूबती देने संबंधी अनुशंसाओं को लेकर एक पत्र भी लिखा गया था। इस पर 400 से अधिक किशोरों तथा उनके माता-पिता ने हस्ताक्षर किया था। यह पत्र जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को भेजा गया था, जो ईवेंट में आमंत्रित थे। 

इस अंतःक्षेप ने RKSK के कार्यान्वयन से जुड़े विभिन्न स्थानीय तथा प्रखंड स्तर के अधिकारियों के पास किशोरों को जाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने अधिकारियों के समक्ष UDAYA का डेटा तथा व्यापक जनसमुदाय द्वारा समर्थित एक अनुशंसा पत्र सौंपा। अनुशंसा पत्र को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और RKSK नोडल अधिकारी ने स्वीकार किया।

कोविड-19 और इसके बाद लगे लॉकडाउन अनुदानों और सेवा प्रदायगी की उपलब्धता की राह में सबसे बड़ी बाधा रहे। लॉकडाउन का एक त्वरित प्रभाव यह रहा कि आपूर्तियों की अधिप्राप्ति और कर्मचारियों की उपलब्धता में भारी कमी आ गई। उदाहरण के लिए, लगभग दो साल तक कोई IFA टैबलेट, पेट के कीड़े मारने की दवा, सैनिटरी नैपकिन नहीं प्रदान किए गए या रक्ताल्पता की जाँच नहीं की गई। फिर भी, इस अंतःक्षेप ने स्थानीय किशोरों और जिला के अधिकारियों को निकट भविष्य में स्थानीय सेवा प्रदाताओं से मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया, जिससे VHNDs का मूल्यांकन और उसमें सुधार लाया जा सके और उन्हें किशोरों के लिए अधिक अनुकूल बनाया जा सके।